चाँद को देखा तो चाँदनी का ख़्याल आया, कैसे गुज़रता है वक़्त ज़िंदगी में उनके दर्द को देख कर मुझे ज़िंदगी का ख़्याल आया ।

चाँद को देखा तो चाँदनी का ख़्याल आया, कैसे गुज़रता है वक़्त ज़िंदगी में उनके दर्द को देख कर मुझे ज़िंदगी का ख़्याल आया ।

Comments

Popular posts from this blog