किसी के ज़ख़्म प नमक लगाने वालों से मरहम कौन माँगेगा,अगर यूँही लोग बुझाते रहे अंधेरो में चिराग़ तो रोशनी का मतलब कौन पहचानेगा ।

किसी के ज़ख़्म प नमक लगाने वालों से मरहम कौन माँगेगा,अगर यूँही लोग बुझाते रहे अंधेरो में चिराग़ तो रोशनी का मतलब कौन पहचानेगा ।

Comments

Popular posts from this blog