मंज़िले वही है सिर्फ़ ठिकाने बदल रहे है, हर शकस बदल रहा है अपने लिबास वक़्त की नाजकत को देखकर जैसे उन्हें चाहने वाले बदल रहे है ।

मंज़िले वही है सिर्फ़ ठिकाने बदल रहे है, हर शकस बदल रहा है अपने लिबास वक़्त की नाजकत को देखकर जैसे उन्हें चाहने वाले बदल रहे है ।

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