बहुत दूर से आए है तभी तो किसी के क़रीब जाने की हसरत नही होती,जब भी उछालते है सिक्का हवा में तो नसीब बदलने की हसरत नहीं होती ।

बहुत दूर से आए है तभी तो किसी के क़रीब जाने की हसरत नही होती,जब भी उछालते है सिक्का हवा में तो नसीब बदलने की हसरत नहीं होती ।

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