तकलीफ ए रहगुजर से न जा़या कीजिऐ , ताश है अगर ज्जबात , तो कम से कम खेल भी बता़या कीजिऐ !

तकलीफ ए रहगुजर से न जा़या कीजिऐ ,
ताश है अगर ज्जबात ,
तो कम से कम खेल भी बता़या कीजिऐ !

Comments

Popular posts from this blog